डबवाली (HNS)। उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने आज जिला के गांव देसूजोधा व मांगेआना का दौरा किया और किसानों से मुलाकात की। इस अवसर पर उनके साथ उपमंडलाधीश सुरेंद्र बेनीवाल सहित राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
अपने दौरे के दौरान पराली जलाने की चिह्निïत स्थानों को देखने के उपरांत उपायुक्त ने गांव मांगेआना के हल्का पटवारी, सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव और चौकीदार को नोटिस जारी कर दो दिन में अपना स्पष्टïीकरण देने का आदेश दिया है। इसी प्रकार गांव देसूजोधा के पटवारी, सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव और चौकीदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
उपायुक्त ने गांव देसूजोधा के गुरुद्वारा में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में कोई फसल के अवशेष एवं धान की पराली को न जलाएं, इसके लिए नंबरदार अपने-अपने गांव में किसानों को फसल अवशेषों के जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें और उन्हें समझाए। उपायुक्त ने कहा कि नंबरदार, सरपंच, चौकीदार गांव के बहुत ही जिम्मेवार नागरिक है, वह गांव की सभी जानकारी रखता है। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की घटना गांव में घटती है तो वे राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों व प्रशासन को शीघ्र अवगत करवाए। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से प्राय: देखने में आया है कि जान माल का भी नुकसान हो जाता है। उन्होंने जिला के किसानों, ग्राम पंचायतों, नंबरदार एसोसिएशन को परार्मश दिया कि कटाई के बाद गेहंू फसल को इक्_ा करते समय बिजली लाईनों से दूर इक्_ा करे। फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए माननीय न्यायालय द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है जोकि फसल अवशेष ना जले इस बात की निगरानी रखेगी। अगर किसी किसान द्वारा फसल अवशेष जलाने का मामला पाया जाता है तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा और कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति धान के फसली अवशेषों को जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुकसान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। दो एकड़ भूमि तक हुए पर्यावरण नुकसान के लिए प्रति घटना अनुसार संबंधित से 2500 रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसी प्रकार दो से पांच एकड़ भूमि तक 5 हजार रुपये प्रति घटना तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15 हजार रुपये प्रति घटना से जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों तक जिला में फसल के अवशेष एवं फाने जलाने पर धारा 144 लागू रहेगी, जिसके तहत फसली अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है। उपायुक्त ने कहा कि फसली अवशेष एवं फाने जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंडनीय अपराध है। दोषी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है।
अपने दौरे के दौरान पराली जलाने की चिह्निïत स्थानों को देखने के उपरांत उपायुक्त ने गांव मांगेआना के हल्का पटवारी, सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव और चौकीदार को नोटिस जारी कर दो दिन में अपना स्पष्टïीकरण देने का आदेश दिया है। इसी प्रकार गांव देसूजोधा के पटवारी, सरपंच, नंबरदार, ग्राम सचिव और चौकीदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
उपायुक्त ने गांव देसूजोधा के गुरुद्वारा में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में कोई फसल के अवशेष एवं धान की पराली को न जलाएं, इसके लिए नंबरदार अपने-अपने गांव में किसानों को फसल अवशेषों के जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करें और उन्हें समझाए। उपायुक्त ने कहा कि नंबरदार, सरपंच, चौकीदार गांव के बहुत ही जिम्मेवार नागरिक है, वह गांव की सभी जानकारी रखता है। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की घटना गांव में घटती है तो वे राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों व प्रशासन को शीघ्र अवगत करवाए। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से प्राय: देखने में आया है कि जान माल का भी नुकसान हो जाता है। उन्होंने जिला के किसानों, ग्राम पंचायतों, नंबरदार एसोसिएशन को परार्मश दिया कि कटाई के बाद गेहंू फसल को इक्_ा करते समय बिजली लाईनों से दूर इक्_ा करे। फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए माननीय न्यायालय द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किए गए है। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है जोकि फसल अवशेष ना जले इस बात की निगरानी रखेगी। अगर किसी किसान द्वारा फसल अवशेष जलाने का मामला पाया जाता है तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा और कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति धान के फसली अवशेषों को जलाता हुआ पाया जाता है तो वह पर्यावरण के नुकसान की भरपाई देने के लिए उत्तरदायी होगा। दो एकड़ भूमि तक हुए पर्यावरण नुकसान के लिए प्रति घटना अनुसार संबंधित से 2500 रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसी प्रकार दो से पांच एकड़ भूमि तक 5 हजार रुपये प्रति घटना तथा पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15 हजार रुपये प्रति घटना से जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी आदेशों तक जिला में फसल के अवशेष एवं फाने जलाने पर धारा 144 लागू रहेगी, जिसके तहत फसली अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है। उपायुक्त ने कहा कि फसली अवशेष एवं फाने जलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंडनीय अपराध है। दोषी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है।

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