HINDI NEWS SIRSA: महिलाएं स्वयं का रोजगार स्थापित कर बनें स्वावलंबी : रेनू शर्मा

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Tuesday, November 6, 2018

महिलाएं स्वयं का रोजगार स्थापित कर बनें स्वावलंबी : रेनू शर्मा

सिरसा 6 नवंबर। प्रदेश सरकार ने महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए अनेकों योजनाएं लागू की हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर स्वयं का रोजगार स्थापित करें और अपने आपको आर्थिक रूप से सशक्त एवं स्वावलंबी बनाएं। हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा महिलाओं के उत्थान एवं स्वयं के रोजगार हेतू बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान करवाया जाता है।


यह बात हरियाणा महिला विकास निगम की चेयरपर्सन रेनू शर्मा ने आज सिरसा स्थित महिला विकास निगम कार्यालय में व्यक्तिगत ऋण स्कीम के तहत महिलाओं को चैक वितरित करने उपरांत उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर चेयरपर्सन ने व्यक्तिगत ऋण स्कीम के तहत मनियारी, ब्यूटी पार्लर, परचुन, रैडिमेट, भैंस पालन व अन्य कार्यों के लिए कुल 24 महिलाओं को एक लाख 20 हजार रुपये की सब्सिडी के चैक वितरित किए। इन सभी पात्र महिलाओं को बैंकों के माध्यम से 24 लाख 50 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है। इस अवसर पर पीओआईसीडीएस एवं जिला प्रबंधक महिला विकास निगम डा. दर्शना सिंह व जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्मा सहित निगम के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे। 
चेयरपर्सन ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए गत वर्ष 2014-15 से अबतक  2249 पात्र महिलाओं को शिक्षा ऋण योजना के तहत 5 करोड़ 69 लाख 64 हजार 341 रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई। इसी प्रकार व्यक्ति ऋण योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक 5163 महिलाओं को 7 करोड़ 50 लाख 97 हजार 500 रुपये का ऋण दिया गया जिसमें 40 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी दी गई। सिरसा जिला में चालु वित्त वर्ष में 121 महिलाओं को एक करोड़ 11 लाख 50 हजार रुपये का ऋण एवं 6 लाख 3 हजार 500 रुपये की सब्सिडी दी गई। इस अवसर पर विशेष प्रचार अभियान के तहत डीआईपीआरओ सुरेंद्र कुमार वर्मा ने महिला विकास निगम की चेयरपर्सन रेनू शर्मा, पीओआईसीडीएस डा. दर्शना सिंह व अन्य को बेमिसाल चार साल की उपलब्धियों पर आधारित विभागीय फोल्डर भेंट किया।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा महिलाओं के कल्याण, विकास एवं प्रगति के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। इसके अलावा निगम समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिक्षा आदि क्षेत्रों में आगे बढऩे के लिए प्रेरित भी करता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध करवाता है। बैंकों से मिलने वाले ऋण पर निगम सब्सिडी प्रदान करता है, ताकि महिलाओं को अपने स्वयं के रोजगार स्थापित करने में किसी प्रकार की आर्थिक रूप से कोई दिक्कत ना आए।
उन्होंने कहा की महिला विकास निगम की शिक्षा ऋण योजना के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक स्वावलंबन के लिए विभिन्न बैंकों के माध्यम से ऋण करवाया जाता हैं, शिक्षा ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज दर पर सब्सिडी देने की पहल की गई है ताकि लड़कियां / महिलाएं जैसे व्यवसायिक, तकनीकी डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर व चिकित्सा संबंधी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर, पापड़-आचार, सिलाई व अन्य कार्यों के लिए आसान किस्तों में ऋण दिए जाने का प्रावधान हैं। इस प्रकार से निगम द्वारा शिक्षा ऋण व व्यक्तिगत ऋण स्कीम के तहत बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाए जाते हैं, जिस पर निगम अनुदान प्रदान करता है। व्यक्तिगत ऋण स्कीम के तहत जिनकी वार्षिक आय डेढ लाख रुपये से अधिक न हो और उनके परिवार के सदस्य आयकर दाता न हो, उन महिलाओं को व्यक्तिगत कारोबार स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत डेढ लाख रुपये तक की राशि ऋण के रुप में प्रदान की जाती है जिसमें 10 प्रतिशत अनुदान राशि अथवा अधिकतम 5 हजार रुपये तक की सब्सिडी शामिल है।

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