ऐलनाबाद (सतीश बंसल) । रंगोली ऊर्जा सकारात्मकता समृद्धि व मंगल सन्देश की प्रतीक होती है और सजीवता का सन्देश देती है । उक्त शब्द अंकुर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संचालित प्रगति मन्दबुद्धि के बच्चों के विद्यालय में आयोजित दीपावली महोत्सव में दिव्यांग बच्चों के द्वारा बनाई गई रंगोली में दीप प्रज्वलित करते हुए मुख्याथिति एड़वोकेट वीरेन्द्र सिंह भादू ने कहे।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ हरप्रीत कौर , डॉ अतुल गिजवानी , अनिल भिड़ासरा, आत्माराम झोरड़, देवेन्द्र गोयल , सतीश गर्वा, कालूराम आलड़िया , गजेन्द्र गर्वा , रविन्द्र औलख , कुलदीप सिल्लू , लीलाधर स्वामी भी उपस्थित थे।
एड़वोकेट भादू ने कहा कि
दिव्यांग बच्चों को कभी भी हौसला नहीं हारना हारना चाहिए। इनमें दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी नहीं होती। ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह शिक्षा एवं सफलता प्राप्त कर सकते हैं। दीपावली पर इनके द्वारा सजाई गई रंगोली से यह स्पष्ट है कि इनकी कल्पना व सृजन शक्ति में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है और ये अपनी निर्बलता को मात देकर दूसरों को भी बेहतर ढंग से जीना सीखा सकतें हैं।
डॉ हरप्रीत कौर ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में भी बहुत कुछ करने की क्षमता होती है और वे भी सामान्य बच्चों की तरह जी सकतें है।हमें उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत होती है।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी प्रस्तुत की।
इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्षा डॉ हरप्रीत कौर , डॉ अतुल गिजवानी , अनिल भिड़ासरा, आत्माराम झोरड़, देवेन्द्र गोयल , सतीश गर्वा, कालूराम आलड़िया , गजेन्द्र गर्वा , रविन्द्र औलख , कुलदीप सिल्लू , लीलाधर स्वामी भी उपस्थित थे।
एड़वोकेट भादू ने कहा कि
दिव्यांग बच्चों को कभी भी हौसला नहीं हारना हारना चाहिए। इनमें दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी नहीं होती। ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह शिक्षा एवं सफलता प्राप्त कर सकते हैं। दीपावली पर इनके द्वारा सजाई गई रंगोली से यह स्पष्ट है कि इनकी कल्पना व सृजन शक्ति में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है और ये अपनी निर्बलता को मात देकर दूसरों को भी बेहतर ढंग से जीना सीखा सकतें हैं।
डॉ हरप्रीत कौर ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में भी बहुत कुछ करने की क्षमता होती है और वे भी सामान्य बच्चों की तरह जी सकतें है।हमें उनका हौसला बढ़ाने की जरूरत होती है।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों ने विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी प्रस्तुत की।

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