पीड़ितों को अब भी न्याय का इंतजार
भोपाल (HNS)। विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में शामिल भोपाल गैसकांड के लगभग साढ़े तीन दशक बाद अब भी हजारों पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं। गैस पीड़ितों ने सोमवार को इस त्रासदी की बरसी पर भारत टॉकीज चौराहे से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री तक रैली निकाली।
गैस प्रभावित लोग पीड़ितों को उचित मुआवजे और न्याय दिलाने की मांग को लेकर रैली निकाल रहे थे। पीड़ितों ने हाथों में तख्तियां ली हुईं थीं। इसके पहले कल भी राजधानी में गैस प्रभावितों के हितों में काम करने वाले विभिन्न संगठनों ने मशाल रैली निकाल कर हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा गैसकांड से प्रभावित हजारों लोगों का उचित पुनर्वास आज भी नहीं हो पाया है और न ही उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिल सका। वे
भोपाल गैसकांड के बाद से पीड़ितों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और अंतिम सांस तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।3 दिसम्बर 1984 को रात में हुआ था हादसा
वर्ष 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कीटनाशक बनाने वाले यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर के एक टैंक से जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) के रिसाव की वजह से हजारों लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। इसके हजारों पीड़ित आज भी उस दिन की काली रात को याद कर सहम जाते हैं।
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